मेरा पहले वाला हिंदुस्तान कहा है
जिसको के माथा झुकाती थी दुनिया
कह के जगत गुरु बुलाती थी दुनिया
देश का वो आज सम्मान कहा है
वो मेरा पहले वाला हिंदुस्तान कहा है..
यहाँ रोज़ चलती है सुबह शाम गोली
रातें दिवाली सी , दिन जैसे होली,
पश्चिम से आया है कोइसिकन्दर,
पूरब में उठता है ख़ूनी बवंडर
उत्तर में बजता है इस्लामी डंका ,
दक्षिण में धधकती है धू धू कर लंका
लाल चौक में राष्ट्रगान कहा है
वो मेरा पहले वाला हिंदुस्तान कहा है
नानक कि धरती बहकने लगी है ,
फूलों कि घटी दहकने लगी है
सहमी है गंगा , के झेलम डरी है
केसर कि क्यारी लहू से भरी है
यहाँ लक्ष्य भी तो लक्षित नहीं हैं
विदेशी पर्यटक भी सुरक्षित नहीं है
आतंकवाद का लहराता है परचम
बोल देश ! तेरा संविधान कहा है ..
वो मेरा पहले वाला हिंदुस्तान कहा है..
वो मेरा पहले वाला हिंदुस्तान कहा है
जिसको के माथा झुकाती थी दुनिया
कह के जगत गुरु बुलाती थी दुनिया
देश का वो आज सम्मान कहा है
वो मेरा पहले वाला हिंदुस्तान कहा है..
यहाँ रोज़ चलती है सुबह शाम गोली
रातें दिवाली सी , दिन जैसे होली,
पश्चिम से आया है कोइसिकन्दर,
पूरब में उठता है ख़ूनी बवंडर
उत्तर में बजता है इस्लामी डंका ,
दक्षिण में धधकती है धू धू कर लंका
लाल चौक में राष्ट्रगान कहा है
वो मेरा पहले वाला हिंदुस्तान कहा है
नानक कि धरती बहकने लगी है ,
फूलों कि घटी दहकने लगी है
सहमी है गंगा , के झेलम डरी है
केसर कि क्यारी लहू से भरी है
यहाँ लक्ष्य भी तो लक्षित नहीं हैं
विदेशी पर्यटक भी सुरक्षित नहीं है
आतंकवाद का लहराता है परचम
बोल देश ! तेरा संविधान कहा है ..
वो मेरा पहले वाला हिंदुस्तान कहा है..
वो मेरा पहले वाला हिंदुस्तान कहा है