Wednesday 13 February 2013

कुछ तेरा कुछ मेरा

            
          दिल कमबख्त दुनिया का सबसे खतरनाक हिस्सा होता है, और मुसीबत तब पैदा होती है जब हर इन्सान के पास एक अदद दिल पाया जाने लगता है. जैसी की इंसानी फितरत है, दूसरे की चीज़ों के प्रति आकर्षण से बहुत जल्दी ग्रसित हो जाता है. यही हाल दिल के साथ भी है. दूसरे को देख कर उसे पाना चाहता है, गोया इन्सान न हुआ कोई सामान हो गया. अब दिल तो ठहरा दिल , दिमाग से कोई वास्ता नहीं है. क्या करे बेचारा. अजीब कशमकश में उलझा रहता है. तुम हो. तुम नहीं हो, तुम हो सकते हो, तुम नहीं हो सकते हो , वगैरह वगैरह .


(चित्र:  आसमान, कल्पना और काल्पनिक आसमान ) 

 मैंने अक्सर महसूस किया है,
तेरे और मेरे दरमियान
कुछ तो है
कुछ है जो तेरा है,
कुछ है जो मेरा है
वो कुछ तो है

शायद वो रात है,
जिसमें चाँद निहारता है तुम्हे,
और  मैं मीलों दूर से
उस चाँद को,

शायद वो हवा है,
जो मेरी साँसों से होती हुयी,
तुम्हारे चेहरे को सिर्फ छू कर
गुज़र जाती है ,

शायद वो खुदा है ,
तुझमें दिखता है,कभी
मंदिर में , मस्जिद में,तुझ सा
बस नही हो पाता,

बहुत कुछ है तेरे- मेरे बीच
कुछ है जो अँधेरा है,
कुछ है जो सवेरा है,
कुछ तो है
कुछ है जो तेरा है,
कुछ है जो मेरा है
वो कुछ तो है



 

7 comments:

  1. WO SIRF EK EHSAS HAI
    JO YE YAKIN DILATA HAI WO KUCH TOU HAI

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  2. सिर्फ एहसास है रूह से महसूस करो ......

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    1. एहसासों ने ही तो ये महसूस करवा दिया :)

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    2. हाँ दीदी.. लेकिन ये अरसे पुरानी बात है

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  3. मैंने अक्सर महसूस किया है,
    तेरे और मेरे दरमियान
    कुछ तो है

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    Replies
    1. है तो... हम सबके बीच आपस में कुछ तो है

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