Saturday 16 February 2013

गुलाब

कहते हैं पहला प्यार भुलाये नहीं भूलता, और यादें ज़िन्दगी से कब्र तक सबसे वफादार साथी होती हैं। जितनी मिलती हैं , उतना ही हम छोड़ भी जाते हैं ..शायद!!

तेरे अलफाज़ बह गए ,
वक़्त की लहर में ,
जो ऊंची, छोटी,
हलकी, सूखी,
होती थीं।

काली चाय की
खाली केतली सा,
रह गया हूँ मैं,
चाय के बाद ,
कालापन नहीं जाता
अब

धुंआ उठता था
तुम्हारी यादों का,
लेकिन
अब चूल्हे की आग
ठंडी हो चली है

कब्र के ऊपर
गुलाब उग आये हैं अब ..
लोग कहते हैं,
गुलाब दफ्न नहीं होते,
लोग कहते हैं,
गुलाब दफ्न नहीं होते,
नहीं होते .....

1 comment:

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