Monday 8 April 2013

अमरपक्षी


अच्छी तरह से याद है, दसवीं में था वो चैप्टर।अंग्रेजी की मेनकोर्स बुक में आखिरी चैप्टर था। इस चैप्टर से मिलती जुलती मूवी बनी थी बाद में "i am legend" (बस नाम नहीं याद है उस चैप्टर का ) उस चैप्टर ने दो बातें सिखाईं। पहली " master of one" से बेहतर होता है "jack of all" .. दूसरा एक अरबी पौराणिक कथाओं में एक पक्षी होता है "फीनिक्स" या अमरपक्षी। इन दोनों ने एक बात सिखाई, जिसके भरोसे आज तक खुद को सँभालने में मुश्किल नहीं हुयी थी,ये की चाहे जितनी भी मुश्किल आ जाये, इन्सान अपने थोड़े या ज्यादा , जितना भी है, उतने दिमाग के भरोसे और अपनी सोच के बल पर हर परिस्थिति से उबर सकता है।  
          "jack of all" आपको बताता है कि अपूर्णता भी ताकत है। अलग अलग क्षेत्र में जानकारी रखना आपको मुश्किल वक़्त में फायदा देता है और आपके अन्दर एक विश्वास का संचार करता है। 

       और फीनिक्स .. ...जितना जानने की कोशिश करता हूँ .. खोता चला जाता हूँ।

(आज बैठे बिठाये बन गया ये ..अमरपक्षी
पहले जल जाता है वो
फिर खुद की राख से,
दुबारा ,
बार बार,
पनपता है,
खड़ा हो जाता है,
उड़ता है, 
फिर जल जाता है,
ना चिड़िया है,
न इन्सान है,
वो सार है,
इन संसार का,
एक नसीहत है,
किस तरह से,
मैं फिर उड़ सकता हूँ,
मैं भी उड़ सकता हूँ,
जलने के बाद,
बुझने के बाद 


6 comments:

  1. अच्छी अभिव्यक्ति है....प्रेरणादायी होती हैं पौराणिक कथाएं...
    फीनिक्स का ज़िक्र ग्रीक मायथोलोजी में है....

    अनु

    ReplyDelete
  2. Anu ji...
    Shukriya.
    Asal me phoenix ki kahaniyon ka udgam arabiyan deshon mein kaheen hai jo ki before christ ke time me hua karti thi. Samay ke sath ye europe me bhi pahunch gaya, choonki, ye shaktishali aur prernadayi hai isliye jaldi hi anek mythological stories ka hissa ban gaya. Ek aur aisa hi pakshi hai albatross. Samudri pakshi hai. Lekin kitna mythological hai aur kitna sahi. Kehna mushkil.

    ReplyDelete
  3. हाँ फ़ीनिक्स का ज़िक्र कई मायथोलोजी में है...और अल्बाट्रोस कोई मिथिकल bird नहीं है....अब भी पायी जाती है...सबसे ज्यादा विंग span वाली चिड़िया है ये..हाँ आबाबील/चातक/स्काईलार्क भी हैं जिनका ज़िक्र इस्लामिक माईथोलोजी में भी है
    :-)

    अनु

    ReplyDelete
  4. Thanks anu ji...
    Albatross ke wing span ka padha to tha..lekin ababeel aur chatak ka nahi pata tha.. Jankari ke liye shukriya. :)

    ReplyDelete
  5. मैं भी उड़ सकता हूँ,
    जलने के बाद,
    बुझने के बाद :)

    ReplyDelete

तह-ए- दिल से शुक्रिया ..आप के मेरे ब्लॉग पर आने का , पढने का ,..और मेरा उत्साहवर्धन करने का। आपके मूल्यवान सुझाव, टिप्पणियाँ और आलोचना , सदैव आमंत्रित है। कृपया बताना न भूलें कि आपको पोस्ट कैसी लगी.