मनमोहनी सरकार
जब आई थी इस बार,
किये थे वादे,
हैं मजबूत इरादे ,
कहा हम देंगे साथ ,
आम आदमी का ही तो है ,
कांग्रेस का बहुप्रचारित हाथ ,
बोले हमारे पास हैं
पीसी , सिब्बल , शीला , कलमाड़ी और राजा
मिल कर बजायेंगे हम भ्रष्टाचार का बाजा
भूल गए काम की बातें ,
जैसे जैसे समय बीता ,
मन लगा घोटालों में ,
साथ छोड़ चली गीता,
घोटाले हुए कुछ यूं,
कानून संविधान रखा ताक पर,
नहीं रेंगी कान पर जूं,
हर महीने एक नया घोटाला ,
कही आदर्श का असर,
कही शीला का बोलबाला ,
तो कही कोयला हुआ और काला ,
महंगाई के पिंजरे से खुल गया हो ताला,
मानो घोटालो की भी साख हो,
जिसे इन ज़िम्मेदारों ने ही है संभाला ,
फिर जब किया टीम अन्ना ने अनशन,
बोले मनमोहन - बंद करो ये टनटन,
बेकार के काम हैं ये सब,
गाँधी की पार्टी को गांधीवाद मत सिखाओ,
उम्र हो चली है,
जाओ , घर जाकर सो जाओ,
नहीं मिटना इन सब से भ्रष्टाचार
लायेंगे हम अब अपना लोकपाल ,
करेंगे सबका बेडा पार,
कहते हैं वो- संसद सबसे ऊपर है,
जनता गयी तेल लेने ,
मैडम सबसे सुपर हैं ,
जब कहते हैं वो,
हम भ्रष्टाचारियों को नहीं छोड़ेंगे ,
उनका मतलब "उनके " साथ से होता है,
ये सिब्बल - तिवारी क्या जाने ,
एक गरीब कब कब और
कितने तरह के आंसू रोता है
बोलते हैं वो, जनता को
चुनौती का अधिकार नहीं है
लगता है जनता जनार्दन को
संविधान से प्यार नहीं है
कोई बताये इन मतहतो को ,
के क्यों है सडको पे उबाल ,
क्यूं थाली पूछती है किसान से,
उसकी औकात पर सवाल,
काम आया जनता का गुस्सा,
आखिर झुके सरदार जी,
लोकपाल बना जनता का ,
हुआ है अब असरदार जी,
एक अकेले इन्सान ने ,
के दी हालत ख़राब,
बगलें झांके हॉवर्ड के मंत्री,
सरकार खोजे जवाब,
देख कर जनता की ताकत,
सरकार चली दरबे में,
सांसद और पार्टीगन हुए निराश
मैडम जो गयी गरबे में ,
देश का युवा, देश का सम्मान
पोछे जनता, भारत के जवान,
देश का युवा यहाँ है,
युवाओं का नेता कहा है???
तेवर देख लोगों के
हिल गयी सत्ता की चूलें ,
तब फरमाए सदीप,हो गयी,
जैसे सबसे होती हैं, छोटी मोटी भूलें,
फ़िलहाल कुछ सवाल हैं ,
जिन पर सब हैं मौन ,
काम से ज्यादा स्थगित रहती ,
ऐसी संसद चलाएगा कौन ,
देर सबेर लोकपाल तो बन ही जायेगा ,
देश से लेकिन, भ्रष्टाचार मिटाएगा कौन ....
देश से लेकिन, भ्रष्टाचार मिटाएगा कौन ..
जब आई थी इस बार,
किये थे वादे,
हैं मजबूत इरादे ,
कहा हम देंगे साथ ,
आम आदमी का ही तो है ,
कांग्रेस का बहुप्रचारित हाथ ,
बोले हमारे पास हैं
पीसी , सिब्बल , शीला , कलमाड़ी और राजा
मिल कर बजायेंगे हम भ्रष्टाचार का बाजा
भूल गए काम की बातें ,
जैसे जैसे समय बीता ,
मन लगा घोटालों में ,
साथ छोड़ चली गीता,
घोटाले हुए कुछ यूं,
कानून संविधान रखा ताक पर,
नहीं रेंगी कान पर जूं,
हर महीने एक नया घोटाला ,
कही आदर्श का असर,
कही शीला का बोलबाला ,
तो कही कोयला हुआ और काला ,
महंगाई के पिंजरे से खुल गया हो ताला,
मानो घोटालो की भी साख हो,
जिसे इन ज़िम्मेदारों ने ही है संभाला ,
फिर जब किया टीम अन्ना ने अनशन,
बोले मनमोहन - बंद करो ये टनटन,
बेकार के काम हैं ये सब,
गाँधी की पार्टी को गांधीवाद मत सिखाओ,
उम्र हो चली है,
जाओ , घर जाकर सो जाओ,
नहीं मिटना इन सब से भ्रष्टाचार
लायेंगे हम अब अपना लोकपाल ,
करेंगे सबका बेडा पार,
कहते हैं वो- संसद सबसे ऊपर है,
जनता गयी तेल लेने ,
मैडम सबसे सुपर हैं ,
जब कहते हैं वो,
हम भ्रष्टाचारियों को नहीं छोड़ेंगे ,
उनका मतलब "उनके " साथ से होता है,
ये सिब्बल - तिवारी क्या जाने ,
एक गरीब कब कब और
कितने तरह के आंसू रोता है
बोलते हैं वो, जनता को
चुनौती का अधिकार नहीं है
लगता है जनता जनार्दन को
संविधान से प्यार नहीं है
कोई बताये इन मतहतो को ,
के क्यों है सडको पे उबाल ,
क्यूं थाली पूछती है किसान से,
उसकी औकात पर सवाल,
काम आया जनता का गुस्सा,
आखिर झुके सरदार जी,
लोकपाल बना जनता का ,
हुआ है अब असरदार जी,
एक अकेले इन्सान ने ,
के दी हालत ख़राब,
बगलें झांके हॉवर्ड के मंत्री,
सरकार खोजे जवाब,
देख कर जनता की ताकत,
सरकार चली दरबे में,
सांसद और पार्टीगन हुए निराश
मैडम जो गयी गरबे में ,
देश का युवा, देश का सम्मान
पोछे जनता, भारत के जवान,
देश का युवा यहाँ है,
युवाओं का नेता कहा है???
तेवर देख लोगों के
हिल गयी सत्ता की चूलें ,
तब फरमाए सदीप,हो गयी,
जैसे सबसे होती हैं, छोटी मोटी भूलें,
फ़िलहाल कुछ सवाल हैं ,
जिन पर सब हैं मौन ,
काम से ज्यादा स्थगित रहती ,
ऐसी संसद चलाएगा कौन ,
देर सबेर लोकपाल तो बन ही जायेगा ,
देश से लेकिन, भ्रष्टाचार मिटाएगा कौन ....
देश से लेकिन, भ्रष्टाचार मिटाएगा कौन ..
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