Friday 26 August 2011

aaina .

आज आईने ने
 किया एक सवाल
क्यों है तू उदास
क्यों है इक मलाल
झाँका मैं आइने में
ना वजूद  दिखा ना जवाब
एक साया था गोया ठहरा आब
नज़रें गडा दीं हमने
उस सूने तालाब में
वो चुम्बिश थी उसमे
जो ना थी किसी सैलाब में
ठिठक गए कदम
किसी ने जकड लिया
किसी बे-वजूद ताकत ने
थाम के पकड़ लिया हो
सोचता रहा ना जाने कब तलक
लेकिन बिना ख़त के लिफ़ाफ़े सा
सोच के दायरे से निकला
और फिर एकटक
बेपलक निहारने लगा
उस आईने को ......

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