Friday 26 August 2011

सबक....

हम आज जीने का सबक ले कर ही जायेंगे ,
मेहनत की तेज़ धार से काट कर ,
हौसलों से बराबर बाँट कर,
इक कतरा शफक का ले कर ही जायेंगे ,
जीने को जी रहे थे यूँ ही ,
पर जब से मकसद मिल गया ,
सपनो में भी कुछ और बात है ,
आज सपनो को सच करने का तजरबा
और ,
ज़िन्दगी की महक साथ ले कर जायेंगे ,
कोई तो होगा जो ये बता दे,
कहा मिलता है जज्बा जुर्रत का ,
लड़ने की हिम्मत और ,
कायदा मुहब्बत का ,
खुशियों तक जाने वाली सड़क ,
आज साथ ले कर ही जायेंगे ..
हम आज जीने का सबक ले कर ही जायेंगे ,

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